रहस्यमयी इंसानों की कहानियां

हेलो दोस्तों,

मैं आपके लिए कुछ आई हूं कहानी लेकर आई हूं जो रहस्य से भारी हुई है तो चलते है कहानियो की तरफ।

 

1. लॉरी इरीका रफ्फ

 

अमेरिका के डलास की रहने वाली लॉरी इरीका रफ्फ की कहानी आम लोगों से अलग है. लॉरी कैनेडी ने बलाक रफ्फ से शादी की तथा दोनों डलास में बस गये. काफी सारे मिसकैरेज होने के बाद 2008 में लॉरी ने एक बेटी को जन्म दिया. सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन उसके पति को लगने लगा कि दोनों को तलाक ले लेना चाहिए.

लॉरी ये बर्दाश्त ना कर सकी और उसने 2010 में आत्महत्या कर ली.  हैरान कर देने वाली बातें तो लॉरी की मौत के बाद सामने आईं. उसकी मृत्यु के बाद जब उसके सामान की तलाशी ली गयी.

दरअसल मृत्यु के समय लॉरी की उम्र 42 साल थी लेकिन कागज़ात के हिसाब से 1988 से पहले लॉरी कैनेडी नाम की कोई महिला नहीं थी. उसके पास से कुछ दस्तावेज बरामद हुए जिन पर उसका नाम बैकी सुइ टर्नर दर्ज था.

लेकिन लोग हैरान तो तब रह गये जब रिकार्ड्स से पता चला कि उन दस्तावेजों पर जिस बैकी की जानकारी दर्ज थी वो एक दो साल की बच्ची थी जो 1971 में घर में लगी आग में जल कर मर चुकी थी. अगर बैकी मर चुकी थी फिर लॉरी कौन थी? इन सवालों का जवाब किसी के पास नहीं था.

2016 तक लॉरी पुलिस की फाइलों में एक रहस्यमयी केस बन कर पड़ी रही. लॉरी के केस की तहकिकात कर रहे सोशल सिक्योरिटी अडमिस्ट्रेशन के इनवेस्टीगेटर जॉय वेलिंग को 2015 में एक फोन आया. ये फोन न्यूक्लियर फिजीसिस्ट तथा फोरेंसिक जेनेलॉजिस्ट कॉलिन फिट्ज़पैट्रिक का था.

जब 2013 के बाद जब लॉरी की कहानी अखबारों में छपने लगी तब से कोलिन ऑनलाइन इस केस की छानबीन में जुटे हुए थे. कॉलिन ने जॉय को बताया कि उन्होंने लॉरी के डीएनए से उसकी फैमिली हिस्ट्री निकाल ली है, जो फिलाडेल्फिआ में रहती है.

कॉलिन की बात पर भरोसा कर जॉय जब उनके बताए हुए पते पर पूछताछ करने पहुंचे तो उन्होंने उस परिवार के लोगों को लॉरी का ड्राइविंग लाइसेंस दिखाया जिस पर उसकी फोटो थी. लाइसेंस को देखते ही परिवार के एक सदस्य ने कहा कि ये तो किंबरली है.

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ये लॉरी की मां का परिवार था और लॉरी का असली नाम किंबरली मैक्लेन था. जब वह 18 साल की थी तब वो घर से भाग गयी थी. इसके बाद उसने अपनी पहचान छुपाने के लिए मरे हुए लोगों की पहचान अपनाई.

 

2. अनजान यात्री

66 साल पहले जापान एयरपोर्ट पर उतरे एक अनजान यात्री की कहानी भी कुछ इसी तरह रहस्यमयी है. 1954 में टोक्यो के हेनेडा एयरपोर्ट पर एक यात्री उतरता है.

अन्य यात्रियों की तरह वह भी चैक आउट काउंटर की तरफ बढ़ता है. जब पासपोर्ट चेक करने वाले की नज़र उस देश के नाम पर जाती है जहां का ये व्यक्ति निवासी है. उस देश का नाम टॉरेड होता है.

इस देश के बारे में वहां मौजूद किसी भी अधिकारी ने इसके बारे में कभी नहीं सुना. उस अनजान यात्री से पूछताछ होती है. उससे जापान आने की वजह पूछी जाती है तो वो बताता है कि वह यहां एक बिजनेस ट्रिप पर आया है. उसके अनुसार उसका ये देश फ्रांस और स्पेन के मध्य कहीं स्थित है.

पासपोर्ट पर लगी अन्य देशों की मोहर सही थी, उस व्यक्ति के कागजात सही थे लेकिन जिस देश से आने का दावा वह व्यक्ति कर रहा था वह देश दुनिया में कहीं मौजूद ही नहीं. जिस कंपन्नी का कर्मचारी वो खुद को बता रहा था उस कंपनी का कहना था कि उसका इस तरह के किसी व्यक्ति से कोई संबंध नहीं.

वह जापान जिस कंपनी में मीटिंग के लिए आया उन्होंने भी ऐसे किसी व्यक्ति की जानकारी को झुठला दिया. जिस होटल में यह व्यक्ति अपने ठहरने की बात कह रहा था उस होटल में भी उसके नाम की कोई बुकिंग नहीं थी. 



 

परेशान अधिकारी ने जब उस अनजान यात्री को वर्ल्ड मैप दिखा कर उसमें उसे अपना देश खोजने को कहा तो उसकी उंगली एंडोरा नामक देश पर जा कर रुक गयी उसका दावा था कि यह मैप गलत है क्योंकि यहां एंडोरा की जगह टॉरेड का नक्शा होना चाहिए. उसने ये भी कहा कि उसका देश वहां 1000 सालों से स्थित है.

उस यात्री की हर बात कस्टम अधिकारियों को उलझा रही थी. लेकिन उसके दस्तावेज फर्जी नहीं लग रहे थे. यहाँ तक की, उसके पासपोर्ट पर इससे पूर्व टोक्यो की कई यात्राओं की मोहर लगी हुई थी. मामले को उलझता देख एयरपोर्ट अथोरिटी ने एक होटल के कमरे में पुलिस कस्टडी के साथ उस अंजान यात्री के ठहरने की व्यवस्था कर दी.

उन्हें लगा इससे उन्हें इस रहस्यमयी शख्स के बारे में गहराई से जानने का समय मिलेगा. मगर सबकी आंखें वहां फटी की फटी तब रह गयीं जब अगली सुबह वह शख्स उस बंद कमरे के अंदर से ही ना जाने कहां गायब हो गया. इतना ही नहीं बल्कि जो दस्तावेज पुलिस ने उससे बरामद किये थे वे सब भी गायब थे.

वह शख्स कौन था, कहां से आया था और ये टॉरेड देश का क्या राज था ये सब आज 66 सालों बाद भी एक रहस्य बना हुआ है. कई रिपोर्ट्स में ये बात भी कही गयी कि वो शख्स टाइम ट्रेवलर था जो गलती से इस समय में आ गया था. हालांकि इस तरह की किसी बात की पुष्टि नहीं हुई.

आत्माओ का तांडव  

3. इस्डल महिला

सन 1970 में नॉर्वे की इस्डलन वैली में एक महिला की जली हुई लाश बरामद की गयी. महिला की लाश इतनी बुरी तरह जल चुकी थी कि उसकी पहचान कर पाना नामुमकिन था. उसका सामान उसके पास ही पड़ा था.

पुलिस के पास इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि वो लाश किसकी है. महिला को लेकर संदेह तब बढ़ने लगा जब उसके हाथ में थामा हुआ सूटकेस खोला गया. उस सूटकेस में नकली बाल, आठ से ज़्यादा पासपोर्ट, बिना निर्देश वाले चश्मों के जोड़े तथा कुछ हाथ से लिखे कोड बरामद हुए. इन कोड्स को तोड़ने के बाद पता चला कि ये तारीखें तथा उन जगहों की है जहां इस महिला को जाना था.


 

अटोप्सी रिपोर्ट के अनुसार उस महिला के शरीर में 50 से 60 नींद की गोलियां मिलीं तथा इसके साथ ही उसके पैर में गोली मारी गयी थी. यह बात भी सामने आई कि उसे मारने के बाद नहीं, बल्कि ज़िंदा ही जलाया गया था. इन सब बातों के बाद अब कई नये सवाल सामने खड़े हो गये थे. जैसे कि वो कौन थी, उसे किसने और क्यों मारा होगा?

सवाल तो बहुत उठे मगर जवाब आज तक नहीं मिल पाया. कोई कहता है कि वो रहस्यमय शख्स दूसरी दुनिया से आया था तो कोई कहता है कि टाइम मशीन के जरिए वो गलती से यहां आ गया होगा और जब उसने देखा कि उसका राज खुलने वाला है तो वो कहीं गायब हो गया। अब यह सच है या झूठ, ये तो कोई नहीं जानता, लेकिन इस रहस्यमय घटना पर कई किताबें जरूर लिखी जा चुकी हैं

जलता सा घर

4. बोरिसका किपरियानोविच 

रूस में जन्‍मा यह बच्‍चा मंगलग्रह में था पायलट, पिछले जन्‍म की बातें बता कर चौंकाया.

बोरिसका ने बताया कि वो मंगलग्रह का रहने वाला एक पायलट था जब धरती की यात्रा के दौरान उसकी मृत्‍यु हुई और उसने मनुष्‍य के तौर पर पुर्नजन्‍म लिया। बोरिस्क का जन्म 11 जनवरी 1996 में रशिया के शहर वोल्गोग्राद में हुआ था। उनकी माँ ने बताया कि डेढ़ वर्ष का होने तक वो पढने, लिखने और चित्रकारी करने लगा था। बोरिस्क की स्मरणशक्ति भी काफी असाधारण थी।

बोरिस्क जल्द ही दूर की आकाशगंगाएँ, जटिल ग्रह प्रणाली और अत्यधिक विकसित विदेशी सभ्यताओं के बारे में बातें करने लगा। उसने अंतरिक्ष के साथ एक असाधारण जुनून भी प्रदर्शित करना शुरू कर दिया। उनकी माँ ने यह भी कहा कि जैसे-जैसे बोरिस्क बड़ा होता गया, वह इस दुनिया में खुद को सबसे अलग महसूस करता था।  

बोरिसका ने बताया कि उसका जन्म मंगल ग्रह पर हुआ था। बोरिस्क का दावा है कि वह एक प्राचीन सभ्यता लेमेरियन से सम्बन्ध रखता था जो कभी लाल ग्रह पर विकसित थी। उसका कहना है कि उनकी अपनी प्रजाति के बीच हजारों वर्षों तक चले संघर्ष के बाद उनकी पूरी जाति का सफाया हो गया। 

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लेमेरियन सभ्यता के दौरान उन्‍होंने मंगलग्रह से कई बार पृथ्‍वी की यात्रा की थी और वहां का ज्ञान काफी विकसित था। मंगलवासी कई आकाशगंगाओं के बच यात्रा करने में सक्षम हैं।

उन्होंने बताया कि उसके कुछ भाई अभी भी मंगल ग्रह पर हैं, जो भूमिगत रहते हैं और सांस में कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं। बोरिस्क के अनुसार, मंगल ग्रह वासी लगभग 7 फीट लंबे हुआ करते थे और 35 साल की उम्र के बाद बूढ़े नहीं होते थे।

बोरिस्क ने कहा कि उनकी मंगल ग्रह की सभ्यता का प्राचीन मिस्र के लोगों और गीज़ा के महान पिरामिड के साथ एक मजबूत संबंध था। लड़के का दावा है कि ग्रेट स्फिंक्स के स्मारकों में उनके अनलॉक होने पर पृथ्वी पर के जीवन को नाटकीय रूप से बदलने की शक्ति है। उसके अनुसार स्फिंक्स को, उसके कान के पीछे एक जटिल तंत्र के माध्यम से खोला जा सकता है, जिसे खोलने पर ब्रह्मांड के बारे में महान रहस्य सामने आएंगे। बोरिस्क के आश्चर्यजनक दावे के अनुसार वैज्ञानिकों ने 2017 में स्फिंक्स के अंदर कुछ अजीब खोजा। कुछ साल पहले वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस प्राचीन संरचना को स्कैन करने पर एक रहस्यमय शून्य पाया।

जब वैज्ञानिकों ने उसके केस का अध्ययन किया, तो वे आश्वस्त हुए कि बच्चे के पास वास्तव में असाधारण बुद्धि है। शोधकर्ता और भी चकित थे जब बोरिस्क ने दूर के ग्रह प्रणालियों के बारे में सटीकता के साथ बताया - कुछ ऐसा जो कि उसकी उम्र के बच्चे के लिए जानना कठिन था।

हालाँकि खुद बोरिस्का के अनुसार वह अपनी तरह का अकेला नहीं है, उसका कहना है कि उसके जैसे और भी अनेक बच्चे हैं, जिन्हें पृथ्वी पर मानव जाति को आसन्न युद्ध की चेतावनी देने के लिए भेजा गया है। बोरिस्क ऐसे बच्चों को "इंडिगो चिल्ड्रन" के रूप में संदर्भित करता है और कहता है कि उनके पास विशेष क्षमताएं हैं।

द सन' की रिपोर्ट के मुताबिक अंतरिक्ष को लेकर उसकी असाधारण जानकारी ने दुनियाभर के वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है। 2017 में यह बच्चा पहली बार सामने आया था जब उसने 11 साल की उम्र में पृथ्वी को लेकर कुछ चेतावनियां जारी की थीं। उसने दावा किया कि हजारों साल पहले एक न्यूक्लियर संघर्ष में उसकी प्रजाति का समूल विनाश हो गया था। और हमारी पृथ्वी भी अब उसी दिशा में आगे बढ़ रही है। बोरिस्का ने कहा कि पृथ्वीवासियों को भी 'उसके लोगों' की तरह तबाही का सामना करना पड़ेगा। उसने कहा कि उसे मानव जाति को बचाने के लिए एक मिशन पर यहां भेजा गया था।

(समाचार पत्रों पर उपलब्ध जानकारी से संकलित !)

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