जलता सा घर

जलता सा घर

 

हेलो दोस्तों ,

आज में आपके लिए एक थोड़ी झूठी थोड़ी सच्ची सी कहानी लेकर आई हूँ। तो चलिए सीधे चलते है कहानी की तरफ।

 

एक बार की बात है। 4 दोस्त बर्थडे पार्टी करने जा रहे थे। जाड़े की कपकपाती ठण्ड पड़ रही थी। बाहर एकदम कोहरा छाया हुआ था। यह माहौल एकदम डरावना लग रहा था। मगर वह चारो बेखबर अपनी मस्ती में चले जा रहे थे।

एक दोस्त ने एकदम से गाडी के ब्रेक लगाए और बोला - ये देखो ऐसा लगता है हम रास्ता भटक गए है। ये रास्ता तो एकदम जंगल में है । मुझे लगता है हमे थोड़ी देर यही रुक जाना चाहिए क्योकि आगे का रास्ता भी ख़राब लग रहा है। 

सभी ने सोचा ठीक है कोहरा भी बहुत है कुछ देर रुक लेते है।

वह गाडी से बाहर आये और देखा कि वहाँ एक पुराना घर है जहाँ से कुछ लोगो की आवाज़ आ भी आ रही थी। सभी ने सोचा वहाँ थोड़ी देर रुक जाते है जैसे ही मौसम थोड़ा ठीक होगा हम यहाँ से निकल जाएंगे।

सभी घर के पास पहुंच जाते है घर के बाहर एक वॉचमैन था जो अजीब तरीके से उन्हें घूर रहा था वह पूछते है- भाई यहाँ अंदर कोई रहता है क्या? हमे थोड़ी देर यहाँ रुकना है।

वॉचमैन हां में गर्दन हिला देता है और हाथ से घर कि ओर ऊँगली से इशारा करता है 

चारो दोस्त अंदर जाकर देखते है वहाँ एक पूरा परिवार दिख रहा था वह वहाँ एक बुज़ुर्ग से पूछते है जिसने अपने मुँह पर अजीब सा डाटा बढ़ रखा था।

बाबा हम अपने दोस्त कि बर्थडे पार्टी में जा रहे थे मगर मौसम ख़राब होने कि वजह से अभी गाडी चलना मुश्किल है। आप हमे थोड़ी देर यहाँ रहने दीजिये। मौसम ठीक होते ही हम यहाँ से चले जाएंगे।

बाबा ने हां में सर हिला दिया और एक कमरे कि और हाथ से इशारा किया।

सभी दोस्त उस कमरे में चले गए।

उन्हें जलने कि सी बदबू आ रही थी, मगर शायद कोई खाना बना रहा होगा ये सोचते हुए ध्यान नहीं दिया।

 

थोड़ी देर बाद कमरे के अंदर एक औरत आई उसने घूँघट कर रखा था और कुछ इशारा करने लगी जैसे उनसे कुछ मांग रही थी। उसके साथ एक छोटी लड़की भी थी उसने भी अपना चेहरा ढक रखा था। मगर वो कुछ भी बोल नहीं रही थी इसलिए उन्हें कुछ समझ नहीं आया। चारो कुछ समझ पाते उससे पहले ही दोनों वहाँ से भाग गई।

वह सोच रहे थे कि यहाँ आने से पहले बहुत आवाज़ सुनाई दे रही थी मगर यहाँ तो कोई कुछ बोल ही नहीं रहा। यहाँ तो एकदम सन्नाटा - सा छाया है।  

एक दोस्त बोला देखो खिड़की के बाहर, कुछ लोग खड़े है और उनके हाथ में मशाल है। चलो उनसे पूछते है।

चारो बाहर जाते है मगर वहाँ तो कोई नहीं होता। वह वापस अंदर आ ही रहे होते है तभी एक छोटा लड़का उनके सामने हाथ जोड़े खड़ा था और अंदर जाने का इशारा कर रहा था उसने भी अपना चेहरा ढक रखा था।

 

अब उन्हें बहुत अजीब सा महसूस होने लगा उनमे से एक बोला - यार यहाँ कुछ अच्छा नहीं लग रहा चलो वापस चलते है यहाँ सबने अपने चेहरे भी ढक रखे है। चलो हम गाडी में ही बैठ लेंगे थोड़ी देर।

तभी एक और दोस्त बोला - अबे तू पहले से ही डरपोक है। हो सकता है ठण्ड कि वजह से इन लोगो ने चेहरे ढक रखे होंगे। चलो अंदर, एक तो बिना किराये के इतना अच्छा घर मिल गया है।

 

सभी उसकी बात अनसुनी करके वापस अंदर कमरे में चले जाते है। उनमे से एक कमरे से बाहर जाते हुए बोला - में ज़रा बाहर जाकर देखता हूँ यहाँ कुछ खाने के लिए मिलेगा क्या?

अगले ही पल वह आग - आग चिल्लाता हुआ वापस आता है। सभी उससे पूछते है अबे क्या हुआ? आग लग गई है क्या ?

मगर वो इतना घबराया हुआ होता है कि बस आग - आग चिल्ला रहा था इसलिए सभी सरपट दौड़कर बाहर जाते है।

बाहर तो एकदम सब ठीक है कहीं आग नहीं लगी है। सभी उससे पूछते है यहाँ तो कुछ भी नहीं है तुम आग - आग क्यों चिल्ला रहे थे। 

वो हँसता हुआ बोलता है आग-आग इसलिए बोल रहा था ताकि तुम्हे गर्मी लगे ठण्ड में तुम सब जम गए होंगे न ? इसलिए थोड़ा सा मज़ाक किया था मैने।

तीनो दोस्त उसे गाली देते हुए वापस अंदर आते है-अबे सुधर जा ऐसे समय में भी मज़ाक कर रहा है।

मगर वह जैसे ही कमरे के अंदर आते है तो देखते है कमरे में सच में आग लगी हुई है  और जोर जोर से आग दहक रही है उसकी लपटे बाहर तक आ रही है।

देखते ही देखते पूरा घर जलने लगा सभी बाहर के दरवाजे कि तरफ दौड़े.! मगर उस घर के सारे लोग बाहर के दरवाजे पर एकदूसरे का हाथ पकडे खड़े है।

सभी दोस्तों ने उनसे बोला - चलो बाहर यहाँ आग रही है। वह  सभी लोग उन्हें घूर घूर कर देख रहे थे और अचानक से बचाओ बचाओ चिल्लाने लगते है। रोने और चीखने कि आवाज़ आने लगी शोर इतना ज़्यादा हो गया कि उन्हें अपने कान बंद करने पड़े।

 

धीरे धीरे यह रोने चीखने कि आवाज़ हसीं में बदल गई। अब पूरा घर भयानक हसीं से गूंजने लगा उस घर के सभी लोगो ने अपने चेहरे से कपडा हटाया।

सभी का चेहरा एकदम जला हुआ था। आँखे लाल हो गई। महिला ने जैसे ही अपने चेहरे से घूँघट हटाया उसके चेहरे से एकदम जली हुई खाल टपक रही थी। उस छोटी बच्ची का चेहरा भी एकदम जला हुआ था।  

सभी दोस्त वहां फंस गए बाहर कैसे जाये किसी को समझ नहीं आ रहा था तभी बाहर फिर से वो मशाल लिए लोग खड़े दिखाई दिए। 

 

एक छोटा लड़का जो बाहर उन्हें दिखा था फिर से हाथ जोड़े उनके सामने खड़ा था। मगर वो भी अचानक रोने लगा। ये सब बहुत डरावना था वो सभी जले हुए लोग उनके पास आ रहे थे सभी दोस्त वहाँ से बाहर भागे । उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि जाये तो कहाँ जाये ।

उनमे से एक बोला आते समय मैने देखा था यहाँ रसोई कि तरफ एक बड़ा सा दरवाजा है वहाँ चलो वो शायद बाहर कि तरफ खुलेगा। उनके पास सवाल जवाब का समय नहीं था इसलिए सभी रसोई कि तरफ दौड़े।

चारो तरफ आग ही आग लगी हुई थी जैसे - तैसे वह उस दरवाजे तक पहुंचे और एक-एक करके बाहर निकले।

बाहर उन्हे मशाल हाथ में लिए लोग दिखाई दिए जो पूरा घर जला रहे थे और जोर - जोर से हंस रहे थे।

चारो वहाँ से भागे। उन्होंने देखा वॉचमैन तो पूरी तरह से जला हुआ है। और उनकी तरफ ही बढ़ रहा है।

 

सभी अपनी गाडी कि तरफ दौड़े।

उन्होंने देखा गाडी के पास कुछ पुलिस वाले खड़े थे वहां आकर उन्होंने साँस ली ?

एक पुलिस वाले ने पूछा - तुम लोग यहां क्या कर रहे हो ??

तुम्हे मालूम नहीं ये इलाका खतरनाक है और यहाँ कुछ साल पहले एक हादसा हो गया था तभी से यहाँ कुछ न कुछ होता रहता है इसलिए पूरा इलाका बंद है। बाहर बोर्ड नहीं पढ़ा क्या?

 

यह सुनकर सभी के चेहरे सफ़ेद पड़ गए। एक ने हाँफते - हाँफते पूछा - सर यहाँ क्या हुआ था ? घने कोहरे कि वजह से हमे कोई बोर्ड नहीं दिखा।

 

पुलिस वाले ने बताया कि कुछ साल पहले यहाँ के कुछ लोगो ने अपनी पुरानी दुश्मनी के कारण एक पूरे परिवार को ज़िंदा जला दिया। बच्चे - बड़े बूढ़े किसी को नहीं छोड़ा यहाँ तक कि उनके वॉचमैन को भी ज़िंदा जला दिया और तभी से यहाँ अजीबो - गरीब दुर्घटनाये होने लगी।

कुछ लोगो का मानना है यहाँ उन लोगो कि आत्मा भटक रही है और इसलिए यहाँ इतनी दुर्घटनाये हो रही है।

इसलिए लोगो का यहाँ मना कर दिया गया ।

 

चारो ने बोला, माफ़ कर दीजिये सर हमे कोई बोर्ड नहीं दिखा वरना हम कभी यहाँ नहीं आते।

पुलिस वाले ने कहा चलो -चलो अब जाओ यहाँ से दुबारा इधर नज़र आये तो अंदर कर दूंगा सबको।

सभी गाडी में बैठे और वहाँ से सुरक्षित निकल जाते है।

थोड़ी देर बाद उनमे से एक दोस्त बोला देखो हमारी गाडी के पीछे। सभी एकदम से पीछे देखते है वहाँ कोई नहीं होता।

वह बोलता है मज़ाक कर रहा था। सभी बोलते है भाई सुधर जा तू तो अभी जान ही ले लेता।

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